Saturday 30 December 2017

सर्दी-जुकाम के घरेलू उपचार (Winter-Colds Home Treatment)

सर्दी-जुकाम होने के कारण

आज के वैज्ञानिक इसे औपसर्गिक रोग मानते हैं। यह रोग वैसे तो सभी ऋतुओं में होता है, किन्तु वर्षा, हेमंत और शिशिर में तथा दो ऋतुओं के बीच के दिनों में यह अधिक होता है। 
  • भोजन की विषमता, पानी में भीगने, ठण्डी हवा में सोने, अधिक शराब पीने, तम्बाकू का सेवन करने तथा शौच, मूत्र, छींक, प्यास, भूख, निद्रा, खांसी, आँसू, उल्टी आदि के आये हुए वेगों को रोकने से भी यह रोग उत्पन्न होता है।

  • रात में जागने और दिन में सोने, अधिक ठण्डा पानी पीने, बर्फ का अधिक सेवन करने, अधिक सम्भोग करने, अधिक ठण्डे पानी में स्नान करने तथा रात्रि के समय स्नान करने से भी सर्दी-जुकाम होने का कारण है।  

लक्षण

प्रारम्भ में नाक में खुश्की मालूम होती है, बाद में छींके आना, आँख से पानी आना, नाक से भी काफी मात्रा पानी बहना, साथ ही कभी-कभी खांसी और कफ का निकलना, कान का बंद हो जाना जैसे लक्षण होते है।


सर्दी-जुकाम से बचने के घरेलू उपाय
  • नया सर्दी-जुकाम होने पर दूध डालके उबालकर पीने से बहुत लाभ होता है।
  • सबसे पहले अदरक का रस निकाल लें और फिर उसमे शहद मिलाकर थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • कालीमिर्च, सोंठ, छोटी पीपल इन सभी को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर उससे चार गुना गुड़ मिलाकर बड़ी मटर के दाने के बराबर गोलियाँ बना लें, इन गोलियों को गरम पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • अनार के फल का रस, दूब का रस और गुलाब जल सभी को मिलाकर नाक के ऊपर लगाने से जुकाम अच्छा हो जाता है। 
  • साबुत या खड़ी उबालकर नमक मिलाकर भोजन के बाद गरमा गरम खाने से लाभ होता है।
  • नौसादर और चूना बराबर लेकर पीसकर शीशी में भर लें, और मजबूत कार्क लगा ले और इसे बार बार सूँघने से काफी आराम मिलता है।
  • सोंठ और पोस्त एक-एक तोले (१०-१० ग्राम) लेकर आधा सेर (आधा लीटर) पानी में पकायें, एक चौथाई हिस्सा रह जाने पर छान लें और थोड़ा शहद मिलाकर पियें।
  • सर्दी यदि दिमाग में जम गई हो, सिरदर्द और नाक से पानी आता हो तो शक्कर या बताशे में लौंग का तेल दो बूँद डालकर खाएं तथा उसी तेल को माथे पर लगाना और सूँघना हितकर होता है।
  •  यदि सर्दी-जुकाम (प्रतिश्याय) हो, शीत या वर्षा के आघात से कण्ठ में भारीपन (गाला बैठ जाना) हो तो हरी चाय में लौंग, सोंठ, कालीमिर्च, दालचीनी ड़ालकरर पीने से लाभ होता है।
  • शक्कर (चीनी) का धुआँ सूँघने से भी सर्दी-जुकाम में बहुत आराम मिलता है।
  • कद्दू के बीज, पोस्त,अजवायन,कत्था और जावित्री बराबर मात्रा में लेकर अदरक के रस में अच्छी तरह से मिला लें। अब इनकी उड़द के बराबर गोलियाँ बनाकर चूसने से काफी लाभ मिलता है।
  • गरमा गरम भुने हुए चने सूँघने और खाने से भी सर्दी-जुकाम में बहुत लाभ मिलता है।
  • गेंहूँ की भूसी एक तोले (१० ग्राम), गुलबनफसा एक तोले (१० ग्राम), १० कालीमिर्च इन सभी कोआडे कप पानी में पकाएं जब उसक भी आधा बचने के बाद उसे छानकर उसमे थोड़ी मिश्री मिलाकर गरम-गरम पी लें और कपड़ा ढककर (ओढ़कर) लेटे  रहें। इससे पसीना आता है और जुकाम ठीक हो जाता है।
  • सर्दी-जुकाम में हरी चाय, लौंग, सोंठ, कालीमिर्च, दालचीनी, तेजपात और तुलसी की पत्ती इन सभी को कूटकर उबालें फिर दूध डालकर फिर उबाल लें, इसके बाद इसे छानकर पीने से बहुत लाभ है।
  • सर दर्द व बार-बार छींक और नाक से पानी आने की परिस्तिथि में कपूर की पोटली बना के बार -बार सूंघने से बहुत लाभ है।    

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